प्रोo शिब्बन लाल सक्सेना

स्वर्गीय प्रोo शिब्बन लाल सक्सेना भारत के शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनेता थे। वे संविधान सभा के सदस्य तथा सांसद रहे। पेशे से डिग्री कॉलेज के अध्यापक शिब्बन लाल सक्सेना ने 1932 में महात्मा गांधी के आह्वान पर राष्ट्रीय आन्दोलन में हिस्सा लिया था।

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लालबहादुर शास्त्री

लालबहादुर शास्त्री (जन्म: 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय - मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द), भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे।

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प्रबंधक का सन्देश

‘कृण्वन्तो विश्वार्यम’’ (सभी को श्रेष्ठ बनाने के लिए ) के वैदिक सूत्र वाक्य को मन में आत्मसात क्र बाबा जय गुरु देव जी की कृपा से इस अति पिछड़े अंचल में प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना के द्वारा चलाये गये शैक्षिक जागरण

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प्राचार्या का वक्तव्य

अपनी स्थापना व् संचालन कल 20 अगस्त 1973 से इस महाविद्यालय ने आरंभिक अवस्था से लेकर अब तक प्रगति के नित नए सोपान तय किये है | महाविद्यालय अपने संकायगत विस्तार के कारण इस पिछड़े क्षेत्र में

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  • महाविद्यालय : संक्षिप्त परिचय

  • शाश्वत सत्यानुसंधान हेतु उत्तर-प्रदेश का यह अंचल गुरु गोरक्षनाथ, महात्मा बुद्ध एवं संत कबीर के आध्यात्मिक तपस से प्रज्वलित होता रहा है | मध्य गंगा , घाटी के सरयुपर मैदान के पूर्वी भाग में पूर्वी उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद के ताराई क्षेत्र के मध्य में ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टी से उर्वर यह भू-भाग ताल तलैया एवं वनाच्छादन के बिच माँ लेहडा देवी की गोंद में उपस्थित है | यह लाल बहादुर शास्त्री स्मारक पी. जी. कालेज न केवल परिक्षेत्र के तरुणों वरन अन्यान्य दुसरे दुसरे क्षेत्रो के ज्ञान पिपासुओं की क्षुधा शांत करते हुए कला वर्ग, विज्ञानं वर्ग के साथ ही साथ शिक्षक-शिक्षा में स्नातक व् प्राणी विज्ञानं तथा समाजशास्त्र स्नातकोत्तर योग्य नागरिकों को तैयार करने में अपना सतत योग दे रहा है | वस्तुतः यह माहविद्यालय 18 फरवरी 1940 को पंडित जवाहर लाल नेहरु के इस उद्घोष का प्रतीक है | जिसमे उन्होंने गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए स्वंय महराजगंज आकर उच्च शिक्षा की ओर उन्मुख होने की बात की थी | शिक्षा से ही मानव का सर्वांगीण विकास सम्भव है| इसे अंगीकार करते हुए प्रोo शिब्बन लाल सक्सेना ने 20 अगस्त 1973 को इस महाविद्यालय की मान्यता दिलायी| महाविद्यालय का शिलान्याश प्रोo शिब्बन लाल सक्सेना ने अपने अनन्य मित्र एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वo Lal Bahadur Shastri Smarak PG College की स्मृति में किया था | अपने जीवन के अंतिम क्षण तक इस महाविद्यालय में विज्ञानं की कक्षाएं संचालित करने हेतु प्रोo शिब्बन लाल सक्सेना प्रयासरत रहे| विज्ञानं भवन का शिलान्याश पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी के क्र कमलों द्वारा संपन्न हुआ था | पक्षाघात से पीड़ित सक्सेना जी विस्तर पकड़ लिए उनके अपनों तक ने उनका साथ छोड़ दिया |

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